Thursday, February 6, 2020

Jharkhand News

झारखंड / सरकार के दाे बड़े फैसले; एक साल में सड़क टूटने पर ठेकेदार के 65 कराेड़ जब्त, आरक्षण में गड़बड़ी के कारण रिम्स में नियुक्ति रुकी।


रांची.  झारखंड सरकार एक्शन में आ गई है। मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने दाे बड़े फैसले लिए। पहला सड़क निर्माण में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदाराें के पैसे जब्त कर उस पैसे से सड़क की मरम्मत करने का आदेश दिया।
दूसरा आरक्षण और नियुक्ति नियमावली का पालन न करने की शिकायत पर रिम्स में चल रही बहाली प्रक्रिया राेक दी।
कंपनी ने 180 करोड़ में रोड का निर्माण किया था
आदेश के बाद पथ निर्माण विभाग तत्काल एक्शन में आ गया। दुमका-हंसडीहा राेड बनाने वाली कंपनी अशाेका बिल्डकाॅन की 65 कराेड़ रुपए की बैंक गारंटी और सिक्याेरिटी राशि जब्त कर ली। करीब 45 कराेड़ रुपए की बैंक गारंटी जब्त करने के लिए विभाग ने एक अफसर काे नासिक भेजा और यह राशि विभाग के खाते में ट्रांसफर करा ली। 20 कराेड़ की सिक्योरिटी राशि भी जब्त कर ली। इस कंपनी ने 180 कराेड़ रुपए में एक साल पहले राेड का निर्माण किया था। इसकी ऊपरी परत टूट गई। विभाग ने कंपनी काे कई बार सड़क की मरम्मत करने को कहा। इसी बीच विभाग से पैसे का भुगतान भी हाे गया। अब कंपनी से जब्त 65 कराेड़ में से 25 कराेड़ से सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।
गड़बड़ी करने वाले 25 ठेकेदार चिह्नित, बैंक गारंटी जब्त हाेगी
पथ निर्माण विभाग ने करीब 25 एेसी ठेका कंपनियाें काे चिह्नित किया है, जिन्हाेंने बड़ी-बड़ी परियाेजनाअाें का ठेका लिया था अाैर अाधा-अधूरा काम कर निकल गई। इन कंपनियाें के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। अब इन ठेकेदाराें द्वारा कराए गए कामाें की जांच हाेगी अाैर गड़बड़ी मिलने पर बैंक गारंटी जब्त की जाएगी।
विभाग को जांच करने के लिए कहा
सीएम ने रिम्स निदेशक डाॅ. दिनेश कुमार सिंह काे नर्स, लैब टेक्निशियन, अाेटी असिस्टेंट, वार्ड अटेंडेंट व अन्य पदाें पर बहाली प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित करने का अादेश दिया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव काे पूरे मामले की जांच करने काे कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की समीक्षा के लिए 10 फरवरी काे उच्चस्तरीय बैठक हाेगी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव अाैर रिम्स निदेशक माैजूद रहेंगे। इस बैठक में रिम्स की बहाली प्रक्रिया पर चर्चा की जाएगी। विधायक बंधु तिर्की के नेतृत्व में ट्राइबल मेडिकल एसाेसिएशन का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार काे सीएम से मिला था। शिकायत की थी कि रिम्स की बहाली में अारक्षण अाैर नियुक्ति नियमावली का पालन नहीं हाे रहा है। इसके बाद यह कार्रवाई हुई।
अाराेप : अजजा काे अारक्षण का पूरा लाभ नहीं दिया
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम काे बताया कि बहाली में अनुसूचित जनजातियाें के लिए अारक्षित सीटें कम प्रकाशित की गईं।  ग्रेड ए नर्स के 362 पदाें के विज्ञापन में अनुसूचित जनजाति के लिए पद अारक्षित नहीं किया गया। वार्ड अटेंडेंट के 119 पदाें में सिर्फ 16 पद ही इनके लिए अारक्षित किया गया। इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर जांच कराएं।


झारखंड / जिन्होंने कभी नहीं लिया राशन, अब रद्द हाेंगे ऐसे 3.93 लाख राशन कार्ड

  • रांची. खाद्य आपूर्ति व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि विभाग से उन्हें जानकारी मिली है कि 3.93 लाख राशन कार्डधारियाें ने कार्ड बनने के बाद कभी भी राशन नहीं लिया है। इसका साफ मतलब है कि संबंधित कार्डधारियाें काे राशन की जरूरत ही नहीं है या फिर गलत लाेगाें के नाम से राशनकार्ड बना हुआ है। ऐसी स्थिति में इन कार्डाें काे रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डाॅ. उरांव ने अपने कार्यालय कक्ष में गुरुवार काे यह जानकारी दी।

रामेश्वर उरांव ने कहा- राशन कार्डाेंं काे रद्द करने के पहले इसकी जांच भी की जाएगी ताकि यह स्पष्ट हाे सके कि संबंधित कार्डधारियाें ने किन परिस्थितियाें में और क्याें राशन का उठाव नहीं किया है। मंत्री डाॅ. उरांव ने कहा कि जाे भी राशन कार्ड रद्द हाेंगे, उसके बदले उन नए लाेगाें का राशन कार्ड बनाया जाएगा जाे जरूरत मंद हैं और जिन्हाेंने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया है। इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि राशन कार्ड काे आधार से लिंक करने के काम काे आगे बढ़ाया जाएगा। इसकी प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी।
केंद्र से मांगेंगे राज्य के जीएसटी का हिस्सा, जल्द भेजा जाएगा पत्र
मंत्री डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय कराए गए काम का भुगतान बकाया हाे गया। इस सरकार काे खजाना खाली मिला है। राजस्व संग्रहण भी ठीक से नहीं हुआ। सारी स्थितियाें से केंद्र सरकार काे अवगत कराते हुए राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार से राज्य के जीएसटी का हिस्सा मांगा जाएगा। इसके लिए जल्द ही केंद्र सरकार काे पत्र लिखा जाएगा।

झारखंड / चतरा में एनटीपीसी की यूनिट में लोहे का 39 टन एंगल गिरा; 2 मजदूरों की मौत, 3 जख्मी

  • लोहे का एंगल करीब 30 फीट ऊंचाई से सीधे नीचे आ गिरा, जिसकी चपेट में आए थे 5 मजदूर
  • एनटीपीसी के यूनिट टू में ब्वॉयलर बनाने के लिए लोहे का एंगल ऊपर चढ़ाया जा रहा था

चतरा. नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) की यूनिट टू में गुरुवार को लोहे का 39 टन का एंगल गिरने से नीचे काम कर रहे 5 मजदूर इसकी चपेट में आ गए। इनमें से 2 की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 3 को जख्मी हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इनमें से 1 की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
मृतकों की पहचान पलामू निवासी अर्जुन कुमार यादव (30) और गढ़वा के रहने वाले बाबूलाल चौधरी (32) के रूप में की गई। दीपक कुमार, सुरेंद्र चौधरी व रामानुज रवि को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुरेंद्र की स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है।
मजदूरों के अनुसार, एनटीपीसी के यूनिट टू में ब्वॉयलर का निर्माण किया जा रहा है। इस दौरान 39 टन का लोहे का एंगल ऊपर चढ़ाया जा रहा था। इसी दौरान उसे खींच रहे तार के ज्वॉइट के टूटने से लोहे का एंगल करीब 30 फीट ऊंचाई से सीधे नीचे आ गिरा, जिसकी वजह से पांच मजदूर इसकी चपेट में आ गए। इनमें से दो ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

रांची / भुगतान पर पाबंदी से झारखंड में सात हजार कराेड़ के काम अटके, स्मार्ट सिटी प्राेजेक्ट की रफ्तार पर लगा ब्रेक

  • कहीं प्रोजेक्ट्स के काम रुक गए तो कहीं पैसे के अभाव में धीमा निर्माण
  • कंस्ट्रक्शन कंपनियां करोड़ों के बिल भेज चुकी है, पर नहीं हो रहा भुगतान

रांची (संताेष चाैधरी/पवन कुमार). सरकारी निर्माण कार्याें के बिल भुगतान पर राेक का असर अब विकास के कामाें पर दिखने लगा है।  कई प्रोजेक्ट्स के काम रुक गए हैं तो कई जगह कंपनियों ने अपने स्टाफ कम कर दिए हैं। इससे काम की गति धीमी हो गई है। कई कंपनियां तो काम बंद करने की चेतावनी दे रही हैं। इससे राज्यभर में करीब 7 हजार कराेड़ रुपए की याेजनाएं अटक गई हैं।
जलापूर्ति याेजना, स्मार्ट राेड प्राेजेक्ट का काम भी लगभग बंद
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश के 100 शहराें काे स्मार्ट बनाया जा रहा है। इनमें रांची सबसे तेजी से याेजनाअाें का क्रियान्वयन करने वाला शहर बना था। अब स्मार्ट सिटी प्राेजेक्ट की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है, क्याेंकि धुर्वा में स्मार्ट सिटी में बन रहे अर्बन टाॅवर-सिविक सेंटर के निर्माण पर अघाेषित राेक लगा दी गई है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राेजेक्ट, जलापूर्ति याेजना, स्मार्ट राेड प्राेजेक्ट का काम भी लगभग बंद हाे गया है। हालांकि अफसराें का दावा है कि काम रुका नहीं है, कुछ धीमा हुअा है। क्याेंकि काॅन्ट्रैक्टर ने कर्मचारियाें की संख्या कम कर दी है। गौरतलब है कि कंस्ट्रक्शन कंपनियां करोड़ों रुपए का काम कर चुकी हैं। वह लगातार सरकार को बिल भेज रही है, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है।
इन प्राेजेक्ट्स का काम बंद करने की चेतावनी
  • दुमका, हजारीबाग अाैर पलामू मेडिकल काॅलेज का निर्माण कर रही सापूरजी-पालाेनजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बाद अब पीपीके काॅलेज बुंडू की बिल्डिंग बना रही कंपनी मयंक बिल्डकाॅन ने काम बंद करने की चेतावनी दी है। कहा है कि भुगतान नहीं हुआ तो पांच दिन में काम बंद कर देंगे।
  • रिम्स में लाइब्रेरी अाैर टीचिंग ब्लाॅक बना रही हाइटेन कंस्ट्रक्शन ने झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन काॅरपाेरेशन के मैनेजर काे पत्र लिखकर कहा है कि काम बाधित हाे रहा है। विभाग में करीब 11.60 कराेड़ का बिल जमा है। जल्दी ही भुगतान नहीं हुआ तो काम बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
  • धनबाद जिले में 1200 कराेड़ से अधिक की विकास याेजनाअाें का काम ठप है। इनमें 729 कराेड़ की निरसा गाेविंदपुर मेगा ग्रामीण जलापूर्ति याेजना अाैर पंचेत डैम से 439 गांव में जलापूर्ति की याेजना है। ये काम 2021 में पूरा हाेना है। 
  • 310 करोड़ की झ्माडा जलापूर्ति योजना के जीर्णोद्धार का काम फंस गया है। इस योजना से  6 खदानाें के पानी को शुद्ध कर इसके जलापूर्ति की योजना है।
  • 74 कराेड़ की बलियापुर ग्रामीण जलपूर्ति योजना से 44 गांवाें में जलापूर्ति की जानी है। इसके अलावा 78 कराेड़ की टुंडी ग्रामीण जलापूर्ति याेजना भी ठप हाे गई है।
     
पैसे के कारण नहीं रुकेगा काम फंड की व्यवस्था कर रही सरकार
वित्त मंत्री डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि पैसे की वजह से राज्य में काेई भी अावश्यक विकास के काम नहीं रुकेंगे। राज्य सरकार फंड की व्यवस्था करने में लगी हुई है। जाे याेजनाएं चल रही हैं, वह चलेंगी। जरूरी याेजनाअाें पर पैसे खर्च किए जाएंगे। फिजूलखर्ची के लिए राशि नहीं दी जाएगी। इसी काे ध्यान में रख कर रोक लगी है। पिछली सरकार में काफी फिजूलखर्ची हुई है। इसकी वजह से सरकार फिजूलखर्ची पर राेक लगाने का प्रयास कर रही है। जनता का पैसा अनियमित तरीके से खर्च नहीं हाेने दिया जाएगा। जरूरी काम किसी भी हाल में बंद नहीं होंगे। 
मुख्य सचिव के आदेश पर लगी है भुगतान पर राेक
मुख्य सचिव डीके तिवारी ने 24 दिसंबर 2019 काे सभी विभागों के सचिवों काे पत्र लिखकर कहा था कि नई सरकार का गठन हाेने तक किसी भी प्रकार के सिविल कार्याे से संबंधित अग्रिम या काेई अन्य भुगतान न करें। इसके बाद 10 जनवरी काे याेजना सह वित्त विभाग के अपर सचिव अविनाश कुमार सिंह ने भी ट्रेजरी अफसरों काे पत्र लिखा। इसमें कहा कि भुगतान संबंधी मुख्य सचिव का आदेश प्रभावी रहेगा।

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